Thursday 27 October 2011

दीवाली


दीवाली 

  कार्तिक अमावस की रात में 
राजा रामचंद्र  के स्वागत में

पूरी ही प्रजा  प्रसन्न हैं
सुराज अब आसन्न हैं

अब रामजी करेंगे राज
पूरण होंगे सबके काज

यक्षों के राजा कुबेर 
लगे घर धन के ढेर 

 मंथन से आई माँ महालक्ष्मी   
अर्थ,धान्य की   होगी कमी 

गणेश जी की  करेंगे पूजा 
दूर्वा के अंकुर मिश्री कुजा 

कमल के फूल श्रद्धा समर्पण 
धूप दीप नैवेद्य  मधु  का अर्पण  

होगी देवी प्रसन्न 
पुलकित  तनमन

गौतम जी आए हैं
ज्ञान सभी लाये हैं 

शिर्डी में साईं  के संग 
श्रद्धा सबुरी की उमंग

बाटेंगे अब खील बताशे 
बाजेंगे अब ढोल ताशे 

मन में फूटेंगे लड्डू
खुश है राजू गुड्डू

ले दीपो के थाली
आई शुभ दीवाली !
आई शुभ दीवाली !

२६.१०.२०११ 

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