Friday 20 September 2013

जय लोकतंत्र !
----------------

आजकल 
बाज़ार में एक 
नए धंधे का जोर हैं 
जिसे अंधे भी लगा रहा टेर हैं 
हर गली कुक्कड़ पे शोर हैं 
क्या रेहड़ी 
क्या पटरी 
क्या दुकान
क्या शोरुम
के अमुक चोर हैं
आओ ले जाओ
बेचों और मालामाल हो जाओ
मेरे यहाँ का असली माल हैं
हर किसी व्यापारी का
बस भ्रष्टाचार बेचने पे जोर हैं
जय लोकतंत्र !!!!!!!!

रामकिशोर उपाध्याय

No comments:

Post a Comment